हस्त रेखाओं से कैसे होकर जाता है भाग्य का रास्ता?

Famous astrologers इसी के द्वारा भाग्य का वर्णन कर पाते है

Kundli maker उन्हें उनकी कुंडली देखकर

हस्तरेखा में ग्रहों के पर्वत, उनके उभार, विभिन्न रेखाओं पर मौजूद त्रिकोण, क्रॉस, बिंदु, चतुर्भुज, नक्षत्र या अन्य चिन्ह देखकर भविष्य कथन किया जाता है।

गजलक्ष्मीयोग

यदि दोनों हाथों में भाग्य रेखा मणिबंध से प्रारंभ होकर सीधी शनि पर्वत पर जाती हो तथा सूर्य पर्वत पूर्ण विकसित, लालिमा लिए हुए हो और उस पर सूर्य रेखा भी बिना कटी-फटी, पतली और स्पष्ट हो।

शुभकर्तरीयोग

यदि हथेली के बीच का हिस्सा दबा हुआ गहरा हो। सूर्य और गुरु पर्वत पुष्ट, मजबूत और उभरे हुए हों। भाग्य रेखा शनि पर्वत के मूल को छूती हो तो हाथ में शुभकर्तरी योग बनता है।

भाग्ययोग

समाधान आप online kundali in hindi के द्वारा



लेखककापरिचय

पंडितों में से एक best vashikaran specialist in india है

पंडित राजीव शास्त्री बहुत की गुणवान एवं विख्यात पंडितों में से एक best vashikaran specialist in india है | इनके बताये हुए हस्त रेखा के समाधान अत्यंत ही लाभकारी होते है| ये आपकी सम्पूर्ण समस्याओं का संधान ऑनलाइन अद्विसेस से भी कर देते है| अधिक जानकारी के लिए आप संपर्क कर सकते है|
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